Post – 2016-10-26

मुझे कल किसी व्‍यक्तिगत काम से फरीदाबाद जाना पड़ा। शाम 8.30 पर लौटा। भूख प्‍यास मिटाने के बाद दिन की पोस्‍ट लिखी तो सन्‍दर्भ के रूप में एक फोटो जो एक सप्‍ताह पहले मेरे टाइम लाइन पर किसी ने मेल किया था और कल ही श्री सुरेश कुमार की एक फोटा मुझे अपने विषय के अनुरूप लगे। उन्‍हें सन्‍दर्भ के रूप में देना था पर फेसबुक में लेख के भीतर या नीचे ऐसा करना संभव नहीं इसलिए इसे ऊपर दिया। आज तीन मित्रों की प्रतिक्रियाओं से पता चला कि उसमें भारी काट छांट की गई थी अत: उसे हटा दिया। जिन लोगों ने इस ओर ध्‍यान दिलाया उनके प्रति आभार । पूरी सूची वीरेन्‍द्र यादव ने भी न दी। वह अपने ढंग से काट छांट करके एक सूची दे बैठे। ऐसा भविष्‍य में कम से कम मेरे टाइमलाइन पर न किया जाय। फोटो मैंने सेव करली थी और उससे उद्धृत किया था। अपनी गतिविधि की टोह लेने के बाद उस सज्‍जन को ब्‍लाक कर दूंगा। यदि भविष्‍य में किसी ने ऐसा किया तो उसे भी ब्‍लाक करने को बाध्‍य होऊंगा। हम एक बहुत पवित्र मंच का उपयोग कर रहे है जिसके माध्‍यम से अपने सुख दुख से लेकर सूचना और विचार साझा कर सकते हैं जिससे पारस्‍परिकता बढ़े और हमारे पारस्‍परिक ज्ञान और सोच में वृद्धि हो । इसकी रक्षा करना और अपनी रक्षा करना दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। भविष्‍य में सभी इसका ध्‍यान रखें। एक मित्र ने पूरी लिस्‍ट पेश की थी। वे सारी प्रतिक्रियाएं और वह सूचना भी धुल गई । यदि वह पुन्: उसे मेरे वाल पर टैग कर दें तो लेख की अपेक्षा पूरी हो जाएगी।