सवाल दर सवाल हैं, जवाब है ही नहीं ।
सवालियों के पास कोई ख्वाब है ही नहीं।
न ऐसी आग कि तासीर गर्म हो जिसकी
धुंआ तो है मगर रौशन दिमाग है ही नहीं ।
सवाल दर सवाल हैं, जवाब है ही नहीं ।
सवालियों के पास कोई ख्वाब है ही नहीं।
न ऐसी आग कि तासीर गर्म हो जिसकी
धुंआ तो है मगर रौशन दिमाग है ही नहीं ।