Post – 2016-10-11

अब भी उस बेवफा पर मरते हैं जिसने सारा शहर तबाह किया।
मिट गये सब तो हम कहां बचते, देखिए किस तरह निबाह किया।
उसने जालिम कहा तो यह सोचा, यह अदाओं में है मुद्दत से शुमार।
उस‍की खंजर की चुभन सहते हुए मैंने हर बार वाह वाह किया ।