Post – 2016-09-02

तुम्‍हीं क़ातिल हो तो हम सर कटा के देखेंगे।
गर न जन्‍नत मिली दोजख्‍ा में जा के देखेंगे ।
सिर्फ अपने को उठाया निजाम में अपने
जिन्‍होंने उनका जनाजा उठा के देखेंगे ।
तुम पर मरने की तमन्‍ना थी सो जीते ही रहे
तुम्‍हारे हुश्‍न का जल्‍वा भी आ के देखेंगे ।
मिट गए, लुट गए, कोई हिसाब है उनका
उनकी आहों की नई धुन बना के देखेंगे ।
जो भी भगवान ने अब तक किया अच्‍छा ही किया
यह नया काम भी उससे करा के देखेंगे ।।