गली में उसके जाे कदम रखा
जबान बन्द आंख नम रखा।।
मैंने जब तुमको प्यार से देखा
साथ ही साथ इक भरम रखा ।
तुम कई के हो फिर भी मेरे हो
निगाह पैनी दिल नरम रखा।
रखता सब कुछ जगह अगर होती
अपनी चाहत से बहुत कम रखा
फिर भी इस दिल में भीड़ है इतनी
गुल में मिलता है गुलबदन रखा।
उसको भी लाओ उसकी माप तो लूं
उस तरफ को है क्यों कफन रखा।
तू है भगवान मौत से भी दराज
मैंने सौ तरह जांच कर रखा ।।
20 जुलाई 16