Post – 2016-07-17

न हम खुश थे न तुम रिश्‍ता मगर था
यह था छत्‍तीस का रिश्‍ता मगर था
तुम्‍ही थे जिस पर मरने का भरम था
कहो तुमको वहम ऐसा अगर था।
करीब इतने, मगर थी बेरुखी भी
मेरा जादू भी तुम पर बेअसर था।
तूम्‍हें ही ढूढ्ता अब तक फिरा मैं
जिगर में शूल से हो, इसका डर था।
बहुत कुछ जानता भगवान तू है
जो पूछा सच, तो उसका दीदा तर था ।।
16 जुलाई