Post – 2016-06-27

मौत से छोड़ दो डरना तो दोस्तीे हो जाय
वह गुदगुदाये और आप करवटें बदलें ।
आप उससे कहें इस चोले से है प्यार मुझे ।
वह कहे इसकी शिकन और सलबटें बदलें ।
बुढ़ापे में भी जवानी की वापसी हो जाय
आप फरमायें चलो आओ जमाना बदलें ।।
यूं बदलता है इरादों के बदलने से जहां
आओ हम सोचें और अपना इरादा बदलें।।
तू भी भगवान हांकता है तो रुकता ही नहीं
दुरुस्‍त कुछ नहीं तू ही बता क्‍या क्‍या बदलें।
२७/०६/१६ ८:५३:४९