कौन कहता है मीर मुझसे बड़ा था शायर
सिर्फ ग़ालिब से बड़ा था यह राज़ फाश भी है.
उसकी जो पूँजी मुफलिसी के कुछ क़रीब सी थी
दर्दो गम जितना था उसके, वह मेरे पास भी है
कई गुना और कई तरह के हैं जख्मो खरोंच
जो जिगर उसने था पाया वह मेरे पास भी है.
कोई भगवान को भगवा में लपेटे तो सही
तुमसे पूछेगा कोई रंग तेरे पास भी है.
9/29/2015 8:53:25 PM