लोग हर बात को क्यों दिल से लगा लेते हैं
जगह छोटी सी मालखाना बना देते हैं
कोई तो पूछे क़ि बतला तो तेरा दिल है कहाँ
पेश्तर इसके ही सीने से लगा लेते हैं.
ऐ मुहब्बत तुझे अंधों ने ही पाला पोसा
बात दिल की करें पर जाँ से लगा लेते हैं
हमने तो इश्क़ में बर्बादियाँ देखीं, झेलीं
लुटाया अपने को क्या आप से कुछ लेते हैं.
9/12/2015 9:27:20 PM